क्या कुछ शब्दो मे लिख पाऊंगी अनगिनत बलिदानों को ?
शायद नही....
क्या कुछ आंसू बहा महसूस कर पाऊंगी अनगिनत आंसूओ को?
शायद नही....
क्या कुछ दिन साथ देकर उम्रभर का सुकून दे पाऊंगी उनको?
शायद नही....
दो दिन याद करके भूल जाएँगे, क्या रोज़ याद कर पाऊंगी उनको?
शायद नही....
♥️🇮🇳♥️
-Jyoti Prajapati