यह किसी 3D फ़िल्म का चित्र नहीं बल्कि हमारे प्राचीन मंदिर परिसर का एक हिस्सा है, प्रत्येक वर्ष में एक या दो बार ऐसा होता है जब चंद्रमा इस मंडप के एकदम बीच में आता है । हैरान करने वाली बात है कि ऐसा केवल कार्तिक_पूर्णिमा के दिन ही होता है ।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की दशा और दिशा को ध्यान में रखकर इस मंडप को बनाना ही प्राचीन भारत के वास्तुकला के उन्नत होने का प्रमाण है ।
(कोपेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र)