अमृत महोत्सव दिवस
अपनी आजादी के हम लोग,
75 वर्ष पूर्ण हो मनायेंगे।
पूरे भारत को सब मिलकर,
फूलों और दीपों से सजाएंगे।।
देश को स्वतंत्र कराने के लिए,
जिन वीरों ने बलिदान दिया।
उनके सदा ही कृतज्ञ रहेंगे,
जिन्होंने आजादी के लिए काम किया।।
तोड़कर गुलामी की जंजीरों को,
नई पीढ़ी को रास्ता दिखाया।
देश सर्वोपरि है सबसे पहले,
सबको इसका पाठ पढ़ाया।।
मिल गई स्वतंत्रता 1947 को,
मिलकर सबने उत्सव मनाया।
घर घर सबके दीप जले थे,
चारों ओर हर्षोल्लास है छाया।।
15 अगस्त की इस तारीख को,
स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं।
गुलामी से आजाद हुआ है देश,
इस लिए अमृत महोत्सव मनाते हैं।।
रहे स्वतंत्र हमारा भारतवर्ष,
इस लिए गद्दारों से सजग रहना है।
भांप लो अगर उनकी कुदृष्टि को,
तुरंत ही उनको अब खत्म करना है।।
नहीं झुका है और कभी नहीं झुकेगा,
देश का अपना प्यारा झंडा।
इस तिरंगे की शान की खातिर,
करना पड़े चाहें जितनों को डंडा।।
चुन चुनकर उन जयचंदों को,
घर से बाहर अब निकालना है।
घर के भेदी जो भी लोग हैं,
उनका खात्मा अब कर डालना है।।
जय हिन्द, वंदे मातरम
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री