किताब जिंदगी है, तुम हो पटकथा प्रिये,
_है कथानक प्राण, मन ये सत्कथा प्रिये..
आधार शब्द भावना का, सार है प्रिये,
वाक्य प्रेम, ना लेना अर्थ अन्यथा प्रिये।
पृष्ठ संजोये, स्मृतियों का फुहार है प्रिये,
लेखनी दिव्य ग्रंथ चित्रहार है प्रिये।
विश्वास स्याह ना मिटे जनम किसी प्रिये,
हैं ईश रचनाकर जीव वंदिता प्रिये।।
_है कथानक प्राण मन ये सत्कथा प्रिये...
क्रमशः......✍️
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