ख्वाहिश मेरी तुम ,हो तुम्हीं आखरी
मांगा है मैंने रब से ,मन्नतों में तुमको
तु ही यारा मेरी ,हो सारी खुशी,..
ख्वाहिश मेरी तुम,हो तुम्हीं आखरी_
बुने थे ख्वाब मैंने, तुम संग सजे,
तुम साथ मेरे जो, सब अपना लगे
थी दुनिया परायी मेरी-2
आकर के तुमने क्या, खेल कर दिया
भीतर तेरे ये दुनिया, आती मुझे नजर
तेरे सिवा मन, ये जाये किधर.....
ख्वाहिश मेरी तुम ,हो तुम्हीं आखरी_
बिना तेरे हमको नहीं, जीना साथिया
तेरे संग जाम है, हर पिना पिया
तुम्हारी नजर से, नजर जो मिली
नज़र ने इशारे दे, नजर से कहा
हो जाऊं फना तेरी, हर इक मुस्कान पर
मेरे हमदम मेरा, है तु ही सबर....
ख्वाहिश मेरी तुम,हो तुम्हीं आखरी_
#ख्वाहिशें_मेरी
#उद्गार
#गीतगाताहैदिल
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन