*छंद, शब्द, ग्रंथ, संवाद, व्याकरण*
1 छंद
छंदबद्ध कविता लिखें, पाठक पढ़ें प्रवीण ।
गायक गाएँ मधुर स्वर, समझें हर ग्रामीण।।
2 शब्द
शब्द शब्द में ओज है, शब्द शब्द माधुर्य।
हिन्दी में लालित्य है, कविता का चातुर्य।।
3 ग्रंथ
ग्रंथ अनेकों हैं लिखे, ऋषि मुनियों के काल।
विश्व जगत में आज हम, सबसे मालामाल ।।
4 संवाद
परम्परा संवाद की, रही हमारे देश।
द्वापर में श्रीकृष्ण का, शांति-दूत संदेश ।।
मानव में संवाद ही, कहलाता अनमोल ।
वाणी में हो मधुरता, लगते अमरित बोल।।
मीठी वाणी बोलिए, करिए प्रिय संवाद।
सुखद रहे वातावरण, कभी न हो अवसाद।।
5 व्याकरण
भाषा में है व्याकरण, अभिव्यक्ति की जान।
सक्षम हिन्दी कह रही, हमको बड़ा गुमान।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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