Hindi Quote in Poem by किरन झा मिश्री

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विषय - तेरे संग बिताएं पल
दिनांक -23/06/2022

ऊपर वाले की कृपा हो गई थी,
तो जीवन में फिर से रस आने लगा था।
जाने कहां से उसने किसी को,
मेरी जिंदगी में लाकर खड़ा किया था।।

वह साथी मेरा बना था प्यारा,
जो करता था परवाह मेरी।
प्रतिदिन ही वह पूछता था कि,
अब तबियत कैसी है तेरी।।

मुझे खुशी देने की खातिर वो तो,
नए नए किस्से रोज सुनाता था।
मुझे दुखी देखने पर वो तो,
खुद भी बहुत दुखी हो जाता था।।

मेरी पीड़ा को जानकर वो तो,
अनेकों उपायों को मुझे सुझाता था।
जो भी उससे संभव होता,
करने से वह नहीं हिचकिचाता था।।

मैं जानती थी उनके ह्रदय की बात,
कि वो मुझसे ही प्रेम करते थे।
इस लिए ही मेरी हर बात को वो तो,
अपने सिर आंखों पर ही रखते थे।।

उनकी इन्हीं बातों को देखकर,
दिल उनकी ओर खिंच रहा था।
न चाहते हुए भी मेरे दिल में,
प्रेम का फूल अब खिल रहा था।।

मैं भी उनके मोहपाश से,
खुद को भी न बचा पाई।
उनकी इसी अदा ने तो,
मेरे दिल में जगह बनाई।।

उनके प्रपोज करने पर ही,
मैंने उन्हें स्वीकृति दे दी।
मेरे दिल में भी वो बस गए थे,
ये बात मैने उनसे कह दी।।

हम दोनों के जीवन में,
सब कुछ अच्छा चल रहा था।
एक दूसरे पर विश्वास करते हुए,
जीवन मजे से कट रहा था।।

फिर समय ने ऐसी करवट बदली,
सब कुछ धीरे धीरे बदल गया।
लोगों की नज़रों में हमारा प्रेम,
देखो खटकने अब लग गया।।

लोगों की कुदृष्टि से बचने के लिए,
अपने आप में थोड़ा सा बदलाव लाया।
बातें कर दी थोड़ी सी कम हमनें,
उन्हें लगा कि हमनें उन्हें सताया।।

अब तो हर एक छोटी सी बात पर,
वाद विवाद वो करने लगते है।
मजाक की बात भी नहीं समझते,
और बहस कर झगड़ा करने लगते है।।

पता नहीं ऐसा क्यों हुआ है,
क्यों उनके जीवन में बदलाव आया है।
कोई और तो पसंद नहीं आ गया,
इस लिए ही उन्होनें इतना भाव खाया है।।

कोई और आ गया अगर जीवन में,
तो वह हमको बतला सकते हैं।
उनकी हर खुशी के लिए हम तो,
अपने आपको मिटा सकते हैं।।

नहीं चाहिए हमें उनका पूरा समय,
बस कुछ पल ही वो हमको दे दें।
उन चंद पलों में ही हमको,
अपने प्रेम से सरोबार कर दें।।

पता नहीं वो क्यों इतना बदल गए,
नहीं करते अब परवाह जरा सी भी।
हम किस हाल में जी रहे हैं,
असर नहीं है उन्हें जरा सा भी।।

नहीं किया था जब प्रेम उनसे,
तो हर बात को हमनें नकारा था।
अपने और उनके अंतर को,
बार बार ही समझाया था।।

पर उनके इस अटल प्रेम के सामने,
हमको भी झुकना पड़ गया था।
हम भी कोई पत्थर दिल नहीं थे,
हमको भी पिघलना पड़ गया था।।

अब वो चाहें हमें या न चाहें,
हम तो उनको चाहते ही रहेंगे।
जीवन की अंतिम सांस तक,
हम उनको याद करते ही रहेंगे।।

हम हो या न हो उनके जीवन में,
उनको सफलता हमेशा मिलती ही रहे।
मेरी शुभकामनाएं साथ है उनके,
ये जीवन मेरा रहे या न रहे।।

किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश

-किरन झा मिश्री

Hindi Poem by किरन झा मिश्री : 111814325
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