विषय- प्रेम और लगाव
दिनाँक -07/06/2022
प्रेम किसी से करना नहीं,
रखना केवल लगाव।
प्रेम शब्द तो अधूरा है,
इस लिए छूट जाता है साथ।।
लगाव अगर रखेंगे हम तो,
जीवन पर्यन्त ही चलता रहेगा।
नहीं होगा उसमें विवाद कभी भी,
और एक दूसरे पर विश्वास बढ़ेगा।।
प्रेम के कई उदाहरण है दुनियां में,
जैसे लैला मजनू और हीर रांझा।
इन सभी का प्रेम भी देख लो,
रह गया था जीवन में आधा।।
कन्हैया भी बचे नहीं प्रेम से,
उनकी भी प्रियसी थी राधा।
राधा कृष्ण का प्रेम भी देखो,
बीच राह में रह गया था आधा।।
हमनें भी देख लिया प्रेम करके,
नहीं हो सका वो जीवन में पूरा।
मतभेद आ गए थे बीच में,
रह गया हमारा प्रेम भी अधूरा।।
इस लिए अब सिर्फ लगाव रखना है,
नहीं होगा फिर कभी भी मनभेद।
बंदिशें भी दोनों में कम हो जायेंगी,
नहीं रहेगा फिर किसी बात का खेद।।
पूरा जीवन उनसे लगाव रखकर,
उनसे कोई भी उम्मीद नहीं लगाना है।
प्रेम को अपने अंदर दबाकर ही,
केवल लगाव को ही अब दिखाना है।।
प्रेम और लगाव दोनों है उनसे हमें,
पर प्रेम नहीं अब दर्शाना है।
प्रेम तो अधूरा रह जाता है,
अब नहीं उनके जीवन से हमें जाना है।।
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री