नवीनतम दोहे---
*1--तपस्या*
करें तपस्या साधना, सुखमय जीवन मंत्र।
सतकर्मों की राह से, सुखद सिद्धि का तंत्र।।
*2--निर्भीक*
मन होता निर्भीक जब, जग भी देता साथ।
राह दिखाता जगत को, सबका झुकता माथ।।
*3--आचरण*
नेक आचरण हैं उचित, मिले सफलता नेक।
नीति नियम परिपालना, जाग्रत रखें विवेक।।
*4--मंत्र*
शिक्षक देते मंत्र हैं, करें साधना-जाप।
कदम चूमता तब समय, सफल तभी हैं आप।।
*5--गूँज*
मन मंदिर में गूँजती, ऋद्धा की वह डोर।
गूँज रही संसार में, होती तब शुभ-भोर।।
*6--अलौकिक*
अलौकिक प्रतिभा लिए, कुछ जन्में हैं लोग।
उनके पुण्य प्रताप से, मिलता सबको भोग।।
*7--संस्कार*
वृक्षों की पूजा करी, भूले सब संस्कार।
हाथ कुल्हाड़ी थाम ली, काटा मूलाधार।।
*8--प्रियतम*
हरी-भरी है यह धरा, प्राण-वायु चहुँ ओर।
मन आनंदित है यहाँ, लगता प्रिय हर छोर।।
मनोजकुमार शुक्ल मनोज