सबका कितना ध्यान रखती हो!
थोड़ा अपना ध्यान भी रखा करो!
हर वक्त काम में उलझी रहती हो
कभी खुद को भी वक्त दिया करो।
रोज़ बनाती हो सबकी पसंद का
कभी अपना स्वाद भी किया करो।
रोज पूरा करती हो सबकी ख्वाहिशें
कभी अपने सपनों में भी रंग भरा करो।
सबको खुश करने में लगी रहती हो
कभी अपने उदास दिल की भी सुना करो।
सबको अपना कीमती वक्त देने वाली
कभी दो घड़ी अपने लिए भी निकाल लिया करो।
फुर्सत नहीं किसी को तुझ पर ध्यान देने की
इसलिए खुद अपना ध्यान तुम रखा करो।।
-Saroj Prajapati