हर दिन मस्तानी हो जाये,
इक साथ तुम्हारे होने से।
हर शाम सुहानी हो जाये,
महफिल में तुम्हारे आने से।।
हर रात नूरानी हो आये,
इक याद में तेरी खोने से।
घूमा कोना हर राह डगर,
मिल जाओ किसी बहाने से।।
#दर्पणकासच
#प्रेमरंग
#जो_तुमसे_हैं
#प्रेमजोग
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Poem by सनातनी_जितेंद्र मन : 111804667

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now