देश के असली निर्माणकर्ता
मैं सिर्फ यह कह सकता हूँ सिर्फ शिक्षा ही इस गुलामी से निजात दिला सकती है पर इनके सामने तो हर नया दिन एक संघर्ष है रोजी रोटी का , कैसे पढ़ेंगे हमारे मजदूर भाई? पढ़े लिखे लोगों को 2 दिन का वीकेंड चाहिए, कहीं कहीं 3 दिन का वीकेंड भी शुरू हो गया है, इनको 2 दिन काम नहीं मिला तो इनके घर चूल्हा भी नहीं जलेगा
और वैसे इनका चूल्हा होता ही क्या है 2 ईंटे और तसला, या फावड़ा उसी पर रोटी सेंक लेते हैं , मैंने कई बार शाम को वापस जाते समय इनको सड़क के किनारे खाना बनाते देखा, एक बार तो सब्जी की महक इतनी शानदार थी कि मेरा मन हुआ कि एक रोटी खा ली जाए पर आलोचना के भय से मैं हिम्मत नहीं कर पाया । लोग कहने लगते कि दिखावा करते हैं ड्रामा करते हैं इत्यादि
समस्या विकराल है हम और आप बहुत कुछ नहीं कर सकते पर दो काम ऐसे हैं जिनमे कोई खर्चा नहीं
पहला ये हमारे भाई हैं जो आपका घर बनाते हैं जिनको बात बात पर अपमान सहना पड़ता है
आप सम्मान देना, कोई खर्चा नहीं है इसमें
दूसरी बात
शिक्षा का दान , जब मौका मिले मार्ग दर्शन कीजिये इनका, बताइये शिक्षा का महत्व , मेरे पिता कहते थे शिक्षा का दान कुएं के पानी की तरह होता है , जितना चाहो बांट दो कभी कम नही होता
मेरी बात ठीक लगी हो तो थोड़ी सी खुशियां इनके साथ भी बांट लेना, और हां फ़ोटो जरूर भेजना मुझे
दिल से सम्मान आपका , देश के असली निर्माणकर्ता का
#love #respect #LaborDay