न अब बात होगी,
ना होगी, फिर जफा! कोई........

कश्मों-वादों पे भरोसा, जो किया करता था कभी मन।
जानाजा वफ़ा का वो, कब का उठ गया।।

न अब बात होगी,
ना होगी, फिर जफा! कोई......
#दम_तोड़ती_हसरतें
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111802271

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