जिन्दगी के कुछ पुराने पन्ने आज फिर पलटे है।
तेरी यादो की खुशबू से महक उठा आज फिर मेरा घर है।।
तेरी बांहो मे लिपटी वो शाम याद आ रही है।
जो फिर से मुझे रूला रही है।।
ये इश्क के नियम भी कुछ अजीब है।
वो मुझसे ही लिपटकर रोता है किसी और के लिए। ।
वो उसके संग बीते समय को मुझी से बयाॅ करता है।
और मै ये भी नही कह सकती कि मेरा दिल भी तेरे लिए ही धड़कता है।।
मीरा सिंह
-Meera Singh