काश वो भी अगर हाल-ए-दिल समझता
तो कोई और बात होती।
इन तारो के साथ उसकी आँखे भी यूँ ही जगती
तो कोई और बात होती।।
वो मेरे करीब हर पल होता
उसके भी होठो पर दबी कोई बात होती
तो कोई और बात होती।
उसकी बांहो मे मै कुछ इस तरह खो जाती
जैसे समंदर मे बहता हुआ पानी
तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती।।
मीरा सिंह
-Meera Singh