है कर्ज बहुत मुझ पर तेरा
मै कर्ज चुका न पाऊँगी।
तूने मुझे जीना सिखाया
मै तुझ पर जान लुटाउगी। ।
है न तू केवल इन्सा
ईश्वर की छवि झलकती है।
भारत माँ की करते रक्षा
मै शत्- शत् शीश नवाउँगी।।
मेरी ये कविता भारत भूमि के सभी सैनिको को समर्पित है।
मीरा सिंह
-Meera Singh