राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता का एक अंश -
“ रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,
आदमी भी क्या अनोखा जीव है!
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,
और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है। “
Confucius also said - “Life is really simple, but men insist on making it complicated.”