जिक्र तेरा हर बार करूं यह ख्वाहिश है मेरी
फिक्र है तेरी इसलिए खामोश हूं मैं
कह नहीं पाती मेरे दिल के जज्बात
अगर बयां हो गई तो कोई ऐतबार ही नहीं करेगा
तेरी फिक्र करती हूं क्योंकि मैं तुझसे मुहोब्बत करती हूं
तेरा ज़िक्र तो मैं मेरे रब से करती हूं
रब से तेरे लिए खुशियां मांगती हूं Bindu Anurag
हे रब ! तू जहां भी रहे वहां तुझे हर खुशी मिले
मेरे हिस्से की खुशी भी तुझे ही मिले
तेरे साथ बिताया वह हर पल मैं महसूस करती हूं
दुख में चाहे रोना पाए ये आंखें मगर खुशी के पल में यह रो देती है
जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियों में भी तू बहुत याद आता है
मैं बयां नहीं कर सकती मेरे जज्बात....
कि मैं तुझे कितना याद करती हूं.... अनुराग।
05:04 AM 09/02/22
-Bindu _Anurag