बोलिए मां मैहर वाली शारदा भवानी की जय।
तेरे जयकारे जय जय मां।
तेरे चरणों में आए जय जय मां।
तेरे द्वारे पूजन अर्चन को आए जय जय मां।
सरस्वती पूजा पर मां मैहर वाली शारदा भवानी
तेरे चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम अनिता करती है।
नित नित शीश नवाती है।
तेरे चरणों में भजन कीर्तन करने की शक्ति मांगती है।
श्वेत पुष्पों के हार पहनाने आए हैं।
श्वेत पुष्प अर्पित करें मां दोऊ कर जोड़।
मंगल गीत गाएं होकर भाव विभोर।
विमल मति दे मां शारदा भवानी बहोर।
जय जय मां शारदा भवानी।
बार बार विनवऊं होकर नतमस्तक।
तेरे वरद हस्त रहे मस्तक।
जय जय मां मैहर वाली शारदा भवानी
प्रगट हुई बसंत पंचमी पर वीणा हाथ में लेकर
और पुस्तक सह स्फटिक माल।
पीले फूलों की चढाऊं माल ।
वंदना करें नत विनत होकर।
पूजा अर्चना करें नतमस्तक होकर।
दण्डवत प्रणाम करो स्वीकार मां शारदा भवानी।
शुभ बसंत पंचमी पर लाए हैं फल फूल और मेवा।
पीले फूलों की वंदनवार लगाएं मंदिर में
और करें तेरी चरण सेवा।
धूप दीप और आरती करें।
पंचामृत अभिषेक करें।
ढोल ढाक झांझर और बजाएं करताल।
भक्त गण संगत गण झूमे नाचे और गाएं
दे दे ताल।
मां शारदा भवानी सफल कीजे सेवा।
सरस्वती महाभागे विद्ये कमल लोचनी।
विश्व रूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।।।
प्रणमामि मां शारदे नमस्तुभ्यं परमेश्वरी।
प्रसीद प्रसीद मातेश्वरी विश्वेश्वरी
समर्पयामि नमामि कोटि-कोटि प्रणाम ।।
आए हैं तेरे धाम मां शारदा भवानी
दर्शन दो मां करो उपकार।
हो जाए जीवन उद्धार।
करो कृपा दो शुभ आशीष।
तेरे चरणों में साधना करने के दो बख़्शिश।
तुम ही हो माता पिता बंधु सखा मां शारदे।
वर दे वर दे वर दे मां शारदे।
तिमिर हर ले जग के मां शारदे।
जग उद्धार दे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम मां शारदे।
अनिता कहे अब दो जीवन आधार।
देती हूं स्वयं सह संतानों को तेरे चरणों में वार।
मैं जाऊं बलिहार जाऊं बलिहार जाऊं बलिहार।
मां शारदे पाएं तेरे चरणों में सुख सार।
दण्डवत प्रणाम मां शारदे।
सरस्वती पूजा पर सबको शुभकामनाएं एवं बधाइयां
मातृभारती परिवार।।
जय जय मां शारदे।
-Anita Sinha