आइए माघ मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि पर
सरस्वती मैया जी बसंत पंचमी का त्यौहार मनाएं।
सरस्वती मैया के शुभ जन्म दिन पर बसंतोत्सव
मनाएं।
आज से पतझड़ के बाद बसंत के आगमन बसंती
मौसम को हर्षोल्लास पूर्वक मनाएं।
बसंत ऋतु में सरसों के फूल खिले , पेड़ पौधों में नये
पत्ते फल फूल खिले।
प्रकृति ने ओढ़ ली पीली चुनरिया और बसंती फूलों
से भर गई नगरिया ।
बागों में भ्रमण करते फूलों पर भ्रमर मतवाले।
कलियां मुस्कुरा रही मंद मंद गलबहियां डाले।
चहूं ओर छाई उमंग और उल्लास ।।
प्रकृति खिलखिलाने लगी प्रस्तुत कर स्मित हास।
हंदय में नव आशाओं के फूल खिलाए ।
बसंती छटा जग बिखराए।
गेहूं की बाली खेतों में लहलहाए।
कल कल बहती नदियां प्रेम गीत सुनाए।।
मन बसंती तन बसंती शुभ बसंत गीत गाए।
प्रेम प्रस्फुटित होता जग में और होते
नव नव युगल प्रणय पंथ पर चलने वाले
का मिलन आज।
शुभ गठबंधन प्रणय सूत्र में बंध जाने का अति
मनभावन दिवस है आज।।
बसंत पंचमी पर वृन्दावन में होली की शुभ
शुरुआत हो गई आज।।
शुभकामना है कि हरी भरी रहे धरती ।।
खिलखिलाती रहे धरती।।
धरती गीत गाए राग मल्हार।।
आइए मनाएं आज बसंत पंचमी का त्यौहार।
छाई रहे जीवन में बसंत बहार।
जग जगमग रहे सदा और हर दिन हो
खुशियों का त्यौहार।
प्रकृति पीले फूलों का खजाना लेकर आई है।
आम्र मंजरी नव फल का नजराना देने आई है।।
कोकिल की कुहू कुहू कुहू से मुखरित होता संसार है।।
पपीहा की पिहू पिहू पिहू से जागृत होते उद्यान है।
मां सरस्वती के शुभ जन्म दिन पर अनिता
नव रंग नव रसमय कविता प्रस्तुत करती है।।
प्रार्थना करते है मां सरस्वती तेरे चरणों में।
रागिनी दे मां सरस्वती जीवन में।।।
जीवन में संगीत कला को जीवंत रखने
की आराधना करती है।
कोटि-कोटि प्रणाम मां सरस्वती।।
बसंत पंचमी पर्व पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां सबको। मातृभारती परिवार।
जग मंगल करो मां शारदे।
जग कल्याण करो मां शारदे।
हर दिन त्योहार हो मां शारदे।
प्रेम पुंज व्यवहार हो मां शारदे।
दण्डवत प्रणाम मां शारदे।।
-Anita Sinha