वीणा के तार तेरे अभिनन्दन करते हैं मां शारदे।
वीणा के तारों को झंकृत कर दे मां शारदे।
सुर लय और ताल दे मां शारदे।
सुरों को रागिनी दे मां शारदे।
जय जय हे मां वीणा वादिनी मां शारदे।।
वीणा बजा कर संसार को स्वर दिया मां शारदे।
स्वरों की स्वामिनी मां शारदे।
जय जय वीणा वादिनी मां शारदे।।
इससे पहले स्वर कहां था मां शारदे।
हे मां वीणा वादिनी सवर देकर संसार को
संगीत का ज्ञान करा दिया मां शारदे।
संगीत सुहासिनी मां शारदे।
जय जय हे मां संगीत कला की अधिष्ठात्री
देवी मां शारदे।
सूर लय और ताल तेरा श्रृंगार मां शारदे।
कविता लिखा दे मां वीणा वादिनी मां शारदे।
कविता में रूपक अलंकार हो मां शारदे।
कविता मनहरणी हो मां शारदे।
कविता में मनभावनी छटा दे मां शारदे।।
जय जय हे मां वीणा वादिनी मां शारदे।
कविता तेरे सम्मान में लिखें मां शारदे।
वर दे वर दे वर दे मां शारदे।
नव रव कलरव नव स्वर गान दे मां शारदे।
नव और नव नवल उत्थान हो मां शारदे।
नव निर्माण करो मां शारदे।
देश गीत लिखें मां शारदे।
देश भक्ति से ओत-प्रोत रहें मां शारदे।
नव भारत देश का निर्माण करो मां शारदे।
जय जय मां शारदे।
जय जय हे मां वीणा वादिनी मां शारदे।
अम्ब विमल मति दे मां शारदे।
तम हरो मां शारदे।
कुमति निवारो मां शारदे मां
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं मां शारदे।
पंचामृत से अभिषेक करें मां शारदे।
धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें मां शारदे।
तेरी आरती करें मां शारदे।
तेरे चरणों में शीश नवाएं मां शारदे।
तेरे जयकारे लगाएं मां शारदे।
ढोल ढाक झांझर और करताल बजाएं मां शारदे।
जय जय मां वीणा वादिनी मां शारदे।।
मन वीणा बजा दे मां शारदे।
मन में उमंग हो मां शारदे।
नव नव स्वर दे मां शारदे।
अक्षरों का ज्ञान दे मां शारदे।
जीवन को उबार दो मां शारदे।
जीवन को तार दो मां शारदे।
भव तारिणी मां शारदे
भव से पार करो मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम मां शारदे। अनिता को भूल न जाना मां शारदे।।
जय जय हे मां वीणा वादिनी मां शारदे।।
-Anita Sinha