रोते हुए को हंसाना जिंदगी का आधार बने।
हंसते हुए की हंसी को तराना बनाना यह जिंदगी का
सार बने।
रोते हुए को सांत्वना देना मेरी जिंदगी की अनमोल
धरोहर बने।
ना पहनें हम हीरा मोती और लाल बस एक आस है
मन में कि मन की भावना मेरी सांत्वना के बोल बने।
है जिंदगी दो दिन की क्यों न सुख देना जिंदगी
का जनाधार बने।
हम होंगे कामयाब यदि दृढ़ इच्छाशक्ति रखें तो
यही मेरी जिंदगी का शुभ वरदान बने।
आते हैं पल दुःख भरे लेकिन हमारे जब सारथी
श्री कृष्ण जी बने ।
बदल जाएंगे दुःख भरे हुए पल सुख में
क्यों न हम परमार्थी बनें।
जय श्री कृष्णा कोटि-कोटि प्रणाम।
-Anita Sinha