1 शशि
शीतल-शशि की रश्मियाँ, जग को करें निहाल।
दे सबको संदेश यह, जीवन हो खुशहाल ।।
2 आलोक
बिखर गया आलोक फिर, दिया उसे सम्मान।
भारत को गौरव मिला, जग में हुआ महान।।
3 तारक
तारक जग का राम है, सबका पालनहार।
संकट में रक्षा करे, लगे न जीवन भार। ।
4 भुवन
भुवन प्रभाकर आ गए, बिखरा गये प्रकाश।
उठो बावले चल पड़ो, होते नहीं निराश।।
5 पुंज
ज्योति-पुंज दीपावली, करे तिमिर का नाश।
घर-घर में खुशियाँ रहें, बिखरे सदा प्रकाश।।
मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
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