कुछ बातें मेरी अधूरी है सुनोगे ना
मुलाकातों का दौर अभी चला नहीं
कभी मिलोगे ना
दिल का आंगन मेरा सूना है
इसमें तुम्हारा नाम लिखना है ना
इन आंखों को सिर्फ़ तेरा दीदार चाहिए
हसरत पूरी करोगे ना
जब भी तुम्हें पुकारेंगें
आवाज हमारी सुनोगे ना
दिल के दरवाज़े पर दस्तक दी है
ख़्वाब हमारा मुकमल होगा ना