Hindi Quote in Poem by Ruchi Dixit

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

क्यों बटूँ क्यों , बाँटू मै... ! बँटकर भी क्या पाया है , शिकायते ,अवहेलना ,अपमान ही तो, हिस्से आया | बँटकर बिखरी ही तो हूँ कहो कहाँ निखार आया है? न खुद पूरी हूँ न पूर्णता को ही पाया है , बेहतरी बँटने मे कहाँ हिस्से को काटकर , अपने अस्तित्व बोटी -बोटी छाँटकर , क्या इसीलिए जीवन पाया है ? या फिर यही जीवन कहाया है ? नही ! नही चाहिए जीवन वह अब बँटना मंजूर नही , जितनी हूँ जरूरी हूँ , अपने हिस्से मे पूरी हूँ | नही बाँटना खुद को तुम यदि आना चाहो जीवन मे ,देकर खुद को तुम मत आना ,
जीवन मे किसी को मत लाना |

-Ruchi Dixit

Hindi Poem by Ruchi Dixit : 111765430
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now