Hindi Quote in Poem by Kamal Bhansali

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कृष्णा, कृष्णा
बढ़ रही जग में तृष्णा
जग की अब एक ही पुकार
तुम धरा पर फिर आओ, एक बार
कृष्णा.....

नन्द के लाल
यशोदा ने किया कमाल
तुम्हें लिया सँभाल
बदल गया है
जग की चाहतों का भूगोल
तुम बिन कौन ?
जो इसे ले संभाल
आओ नन्द दुलारे
कृष्णा....

नटखट थे, तुम
तुम ही थे, सारथी
तुम्ही थे, सुदामा साथी
तुम, जग महारथी
तुम्ही थे, द्रौपदी की पुकार
आज तुम्हारी फिर दरकार
समझलों, जग की हाहाकार
आओ फिर एकबार
कृष्णा....

साँवले सलोने
बंसी रही पुकार
देख, सहेलियों सँग
राधा का इंतजार
मुस्कराये माखन चोर
हमें भी, तुम पर ऐसा ही एतवार
जग के पालन हार
अब तेरा ही इंतजार
करो कल्याण
दूर करो जग का अँधकार
कृष्णा...
✍️कमल भंसाली

Hindi Poem by Kamal Bhansali : 111745778
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