शीर्षक: पावन रक्षा बंधन
पावन रक्षा बंधन, स्नेह के रिश्तों का दर्पण
रिश्तों के संसार में, अद्भुत, प्यार का बंधन
बड़ा पावन होता, भाई-बहन का रिश्ता
स्नेह के वृक्ष से निकले, फूलों सा दिखता
पावन, प्रिय जीवन का त्योहार है, रक्षा-बंधन
स्नेह के धागों में बहता हुआ कलाइयों का स्पंदन
बहन निहारे, भाई आये द्वारे, लगते कितने प्यारे
रिश्ता बहन-भाई का , जैसे स्नेह -बंधन के दो सितारे
भाई की कलाइयों पे बहना जब बांधे प्रेम के धागे
लोटे वापस बचपन, बहन के पीछे, भाई का प्यार भागे
मान- सम्मान बना रहे, रिश्तों का ये फूल रहे सदाबहार
समझों तो रक्षा- बंधन, प्रेम-बंधन का, अनुपम त्योहार
✍️ कमल भंसाली