बहुत ही ज्यादा मुश्किल वक़्त होता है हमारे लिए जब हम इस दुविधा में फ़ंसे होते हैं कि एक ही मुहूर्त में अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधने जाएं😌😌 या अपने पतिदेव की कलाई में राखी बाँधने आने वाली उनकी बहन का स्वागत करने को रुक जाएं 😌😌🤔🤔🤔
विकट दुविधा हो जाती है भाई💖💖💖💖
-Khushboo Bhardwaj RANU