बादलों की आदत
परेशानियां अगर हो तो हो जिंदगी कुछ देने वाली नही हे,
हर पल साथ रहे ना रहे ये जिंदगानी रहेने वाली नही हे,
इरादा तो खौफनाक था बादलों का कुछ बात यहां पुरानी वाली हे,
बरस जायेगा कहीं पे भी ये बादल अब रुकने वाला नही हे,
बुंद बुंद पे आग लेके बैठ गये अनाराधार अब बरसने वाला नही हे,
लगता है उसकी बरसने की आदतें अब पहले वाली नही हे,
तबाही की कगार पे खड़ी हे जिंदगी अब संभलने वाली नही हे
तूफान को लेके आ गये ये बादलों की आदतें बदलने वाली नही हे.
ले. निरव लहेरू (गर्भीत)
ता. १४/०८/२०२१