1 मुस्कान
अधरों में मुस्कान हो, प्रियतम का हो साथ।
जीवन जीने की कला, समय चूमता माथ।।
2 किलकार
बच्चों की किलकार से, हँसता है घर द्वार।
सारे दुख हैं भागते, वैभव सुख परिवार।।
3 सावन
सावन में राखी बँधी, भाई बहन का प्यार।
बचपन की अठखेलियाँ, गढ़ता नव संसार ।।
4 नदियाँ
वर्षा में नदियाँ हुईं, सागर सी विकराल।
जीवन डूबा जलज में, आईं बनकर काल।।
5 बौछार
दुख की जब बौछार हो, प्रभु का भजलें नाम।
हर छाए संकट हटें, सँवरेंगे सब काम।।
मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
🙏🙏🙏🙏🙏🙏