मैं और मेरे अह्सास
इश्क के झूले मे झूल रहे हैं l
प्यार के सोले भड़क रहे हैं ll
हुश्न की अदाओं को देख के l
आँखों से जाम छलक रहे हैं ll
फिजाओ मे मस्ती छाई हुई है l
नशीले पायल खनक रहे हैं ll
बेहद और बे पनाह प्यार मे l
दो दिल साथ धड़क रहे हैं ll
युगों की प्यास बुझाने को l
आज बाहों में सरक रहे हैं ll
दर्शिता