सामाजिक संघर्ष श्रम है। यह वैचारिक क्रांति और शांति का परिचायक खुद है।
मानव गतिविधि का धेय श्रम श्रद्धेय है।श्रम मे स्वतंत्रता, प्रेम और सुंदरता की झलक दिखाई देती है।

-Chandrakant Pawar

Marathi Good Night by Chandrakant Pawar : 111736903

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