तपती हुई धूप में नंगे पैर चलना , जिंदगी को पंख लगा देता है
रोती हुई आँखों से छलकते हुए मोतियों को गुलाबों की पंखुड़ियों पे सजाना , इंसान की शख्सियत बदल सकता है
पुराने गिले-शिकवों को रेत के टीलों की तरह हवा में उड़ा आगे बढ़ना जिंदगी को खुशनुमा बना सकता है
हर सुबह जिंदगी को ये कह मिलना "उड़ान बाकी है" वो इंसान जिंदगी की हर आरजू पूरी कर सकता है
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