पर्यावरण......
जितना भी कहो वो कम होगा,
पढ़-सुनकर के गम भी होगा।
मौका है अभी,चलो सुधार करें,
प्राकृत पूंजी से प्यार करें।
कर धरा आच्छादित वृक्षों से,
मानवता पर उपकार करें।।
कम जीवन का कुछ भार करें,
आओ...मिलकर ऐसा व्यवहार करें।।
#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन