मैंने राम राज्य की कल्पना की थी।
विश्वासघात का अंदाज़ा नहीं था।
हमेशा मानव धर्म ही निभाया हमने
किसी का बुरा करूँ इरादा नहीं था
मैंने तो लोगों से दिल की बात कही
लोग पत्थर मारेंगे अंदाजा नही था।
किसी का दुख बाँटने से सुख मिलता है।
मेरा हृदय खुला रहा दरवाजा नहीं था।
-Arjun Allahabadi