ऐसा नहीं कि मुझे तेरी फिक्र नहीं होती है।
क्या करूँ जीने के लिए दो वक्त की रोटी है।
ऐसा नहीं कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूँ।
मजबूरियों ने मेरी राह अभी रोकी है।
दुनियादारी मुझे आती नहीं एक तुम्हारे सिवा
क्या करूँ तजुर्बा नहीं अभी उम्र मेरी छोटी है।
एक दिन आऊँगा तुम्हें डोली में ले जाऊंगा।
इंतज़ार करो थोड़ा अभी किस्मत मेरी रूठी है।
कोई अफवाह भी उड़ाए अगर मेरे बारे में तो
ये समझ लेना वो अफवाह सब झूठी है।
तुम्हारे बिना जीना अब संभव नही है।
तू ही तो मेरी जिंदगी की जड़ी-बूटी है।
-Arjun Allahabadi