मैं भी देखता हूँ यूँ कब तलक सताओगे
कभी न कभी तो तुम करीब आओगे।
तुम पत्थर दिल हो तो क्या हुआ ज़ालिम
मेरे प्यार में एक दिन तुम पिघल जाओगे।
कौन कहता है कि सच्चा इश्क़ अब नहीं है
संभल कर एक दिन शीशे में तराशे जाओगे।
बहुत सीधे हो लोगो को जवाब देना सीखो।
फूल बनोगे तो पैरों तले कुचले जाओगे ।
अभी वक़्त है लौट आओ जिंदगी में "अर्जुन"।
नहीं तो कल मेरे प्यार को तरस जाओगे।
-Arjun Allahabadi