विषय: इजहार ?
तेरे किस इजहार को, प्यार कहता
हर इजहार में, तेरा मुस्कराना रहता
सनम,आखिर, प्यार तो प्यार ही होता
इजहार के मोहताज में कब तक रहता ?
नैन ही तो प्यार की भाषा को पढ़ते
उन्हीं से आये इशारे, प्रेम को दर्शाते
अनाड़ी भी कहता, ढाई अक्षर प्यार का
कब तक रुकेगा, मौसम प्यार, के इंतजार का
माना , तेरी चाहत को भी कुछ सम्मान चाहिए
अधरों से निकले, प्यार का, कौनसा प्रमाण चाहिए ?
चलो, प्यार को प्यार नहीं, अहसास ही रहने देते
तेरे लबों की खामोशी में रहे सदा, ये विश्वास ही देते
✍️ कमल भंसाली