My Meaningful Poem...!!!
ज़िन्दगी की किताब📖पे
बेशक नया कवर चढ़ाइये
पर प्यार से बिखरे पन्नों
को तो पहले चिपकाइये
बचपन से जवानी तक न
जानें कितने पय़बंद लगें
वक़्त की चादर पर,रिश्तों
की किश्तों को रफ़ू किजीए
हर रुठे हमराह-ओ-हमराज़
के दिलोंके घाव भर ग़र पाइए
तो शायद ज़िंदगी📖किताबके
नए कवरों की बात भूल जाइए
उतार-चढ़ाव तो पड़ाव है जीदगीं
की राहों में कोरोना से न गभराइए
विधी-लेख विधाता जन्म से पहलें
लिख चूकें फिर तनाव किस बात पे
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