एक बडी अजीब की सोदा बाजी आई नजर में, ईस समुदाय में, आप मुजे लाईक करो मे तुम्है, बस ईतना ही वहेवार बाकी कुछ भी नहीं, लीया दीया भुल जाओ, बात खत्म, अरे यार कभी कभी लगता है ,मे ये कहा आकर फस गया, यहा ईनसान नहीं यंत्र हो।। ना कोई भावना ना महोबत ना जज्बा, ना इन्सानियत।।
-Ruturaaj Hemant