Dear women,
मत कहने दो दुनिया को कि तुम बड़ी महान हो,
मत बनाने दो उन्हें देवी कि नहीं तुम पूजने की हकदार हो।
उन्हें तुम बस इतना समझाओ
कि तुम भी बस उन्हीं की तरह एक आम इंसान हो,
जिसकी कुछ आशाएं, कुछ इच्छाएं है,
जिसके मन के भीतर भी दबे हुए कुछ सपने हैं
और उन सपनों को पूरा करने का उसके भीतर भी
पुरूषों के समान ही जज्बा है।
मत कैद करके रखो अपने सपनों को तुम कपड़ों संग अलमारी में,
अब और नहीं ख्वाबों को जलने दो, चूल्हों की चिंगारी में,
अब और मत बहाओ अपने हुनर को बर्तन धोते वक्त सीकों में,
उठो और रंग भर लो अब अपने हिस्से के आसमान में,
खुद की एक अलग पहचान बनाओ, इस दुनिया के नक्शे में।
-Pragya Chandna