मुठ्ठी नापकर खाना बनाती वो
मुठ्ठी कसकर हर दर्द सह जाती वो
मुठ्ठी में घर की कहानी बंध रखती वो
मुठ्ठी में ही सारे ख़्वाब कुचल देती वो
मुठ्ठी भींसकर नया जीव पैदा करती वो
मुठ्ठी खोलकर सारा प्यार लूटाती वो
हां ,
ये "वो" एक स्त्री है
जो अपनी ज़िंदगी
मुठ्ठीभर ही जीती हैं...!!
#Happy Women's Day-2021
-Falguni Shah