गजल
हमें देखकर आपका रूठना हो गया
आज हमको क्यों भुलाना हो गया?
देखकर उनको थी शरमाती नजर
आज वो आँखे चुराना हो गया,
क्योँ सजा दी प्यार की ऐसी हमें
ना कभी चाहा भुलाना हो गया,
क्या खता और क्या कमी मुजमे रही ?
औरों से ही दिल लगाना हो गया,
जिग्नाशा पटेल
-Jignasha Patel