दिन ओर रात, सुबह ओर शाम ,एक नाम,
वफा की गोद में , तेरी रहेमत से गुजारा है
बेनाम जिंदगी क्या सुकुन देगी जिस्मी हाल
नाम नामी से परे , तेरी रहेमत से गुजारा है
इतना हसीन तो नही होता नजारा़ ए जिंदगी
हर पंखुडी में हँसती तेरी तस्वीर में गुजारा है
फूलों की कभी नजाकत को, दिल मेरा कहे ,
पल हमने तेरे दिलकी ,नजाकत में गुजारा है
महेफुस है तेरी महोबत , शबनमी बूंदों में भी
हर सुबह तेरा अहेसास, फूलों पर गुजारा हे
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-મોહનભાઈ આનંદ