दिन ओर रात, सुबह ओर शाम ,एक नाम,
वफा की गोद में , तेरी रहेमत से गुजारा है

बेनाम जिंदगी क्या सुकुन देगी जिस्मी हाल
नाम नामी से परे ,  तेरी रहेमत से गुजारा है

इतना हसीन तो नही होता नजारा़ ए जिंदगी
हर पंखुडी में हँसती तेरी तस्वीर में गुजारा है

फूलों की कभी नजाकत को, दिल मेरा कहे ,
पल हमने तेरे दिलकी ,नजाकत में गुजारा है

महेफुस है तेरी महोबत , शबनमी बूंदों में भी
हर सुबह तेरा अहेसास,   फूलों पर गुजारा हे


==========================

-મોહનભાઈ આનંદ

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111667252

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now