मे और मेरे अह्सास
गुलाब को गुलाब देने की गुस्ताखी मत करना l
शबाब को शराब देने की गुस्ताखी मत करना ll
मुहब्बत की भाषा ग़र समझ सकते होतो l
हुस्न को जबाव देने की गुस्ताखी मत करना ll
पीने आए हो तो पीकर चले जाओ चुपचाप l
म्हेफ़ील मे आदाब देने की गुस्ताखी मत करना ll
18-2-2021
दर्शिता