मे और मेरे अह्सास
पास अपने बुला क्यों नहीं लेते हो ?
वो रूठा है मना क्यों नहीं लेते हो ?
बड़ी बेरंग सी जीए जा रहे हो कब से l
जिंदगी रंगीन बना क्यों नहीं लेते हो ?
हर किसी के लिए वक्त है आपके पास l
खुद के लिए चुरा क्यों नहीं लेते हो ?
गिला जो कुछ भी हो दौड़ कर उसे l
सीने से लगा क्यों नहीं लेते हो ?
दर्शिता