खोई-खोई सी आज खबर न किसी की रखती हूँ।
छू जाये जो हवा तो बावरी-सी बनकर यु फिरती हूँ।।
आँखे बंद किये कुछ सपने यु बुनती हूँ।
न किसी की कोई फ़िक्र किये बस आगे बढ़ती हूँ।। #Shweta

Hindi Shayri by Shweta Singh : 111641989

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now