कतरा कतरा , दिल बुना है भीगा भी,
अहेसास होता है, मीठा शबनमी भी;
गुल ए दिल , फरिश्ता है बगियन का,
महोबतमैं मीठा, और कुछ नमी भी;
अंदाज ए लाबयाँ है ,क्या कहे हम,
नजरों का हुनर , आंखे शरबती भी;
दस्तक देती दिल पर ,जजबाती वोह,
उँगलियों शहद जैसी , मीठी-मीठी भी ;
गजब है मौजौ से खेलना हकीकत में,
आब ए हयात दिल ,रूहानी अभी भी;
-મોહનભાઈ આનંદ