आओ चलो तुम्हें जन्नत की सैर करा कर लाएं 😊
वो,, उस प्यारे से बचपन में थोड़ा झाँक कर आएं😊
माँ के आँचल में छिपकर जब सुकून मिल जाता
था😊
पापा के काँधे पर बैठे तो वो आसमाँ भी झुक सा जाता था😊
भैया के जूतों को छिपकर पहनने में बड़ा आनंद आता था😊
और दीदी,,, दीदी की डाँट खाने के लिए ही तो फर्श गन्दा किया जाता था😊
-Khushboo bhardwaj "ranu"